बारिश से जल संरक्षण के प्रारम्भ कार्याे का जिला पंचायत सीईओ ने किया निरीक्षण ली बैठक
जिला पंचायत सीईओ श्रीमती ज्योति शर्मा ने बुधवार को बड़वाह जनपद का भ्रमण किया। इस भ्रमण में उन्होंने अब तक स्वीकृत जल संरक्षण के कार्याे का जायजा लेते हुए समीक्षा भी की। जनपद पंचायत बड़वाह की विभिन्न ग्राम पंचायतों का दौरा कर ग्रामीण विकास योजनाओं की फील्ड में जाकर समीक्षा की। ग्रामीण अंचल क्षेत्र व वन भूमि पर निर्माणाधीन ग्राम पंचायत बलवाड़ा, बड़की चौकी के अमृत सरोवर का निरीक्षण किया। यहां लगभग 55 मजदूरों द्वारा कार्य करना पाया गया। इस संबंध में सम्बंधित अधिकारी मनरेगा पीओ श्री श्याम रघुवंशी को निर्देश दिए कि बारिश से पूर्व जिले में अभी स्वीकृत 64 अमृत सरोवरों का कार्य पूर्ण हो जाये। ताकि आने वाली बारिश में रेन को कैच किया जा सके। ज्ञात हो कि जिले में अब तक दो वर्षों में 151 अमृत सरोवर स्वीकृत होकर 79 पूर्ण हो चुके है। साथ ही सभी अमृत सरोवर में वृक्षारोपण का कार्य करने व अमृत सरोवर की गुणवत्ता निर्धारण हेतु सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को निर्देश दिए हैं।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत पीड़ाई बुजुर्ग में राशन की दुकान का निरीक्षण किया, ग्रामीणों द्वारा समय पर राशन मिलने की जानकारी दी गई। ग्राम पंचायत बड़की चौकी, रूपाला एवं सिरलाय में ग्रे वाटर मैनेजमेंट के अंतर्गत निर्मित अंडर ग्राउंड पाइपलाइन का निरीक्षण किया। सभी ग्राम पंचायतों में मजदूरों को रोजगार गारंटी के अंतर्गत कार्य देने के निर्देश दिए गए दिए गए अप्रैल मई और जून माह में बड़े स्तर पर जल संरक्षण के कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए। कैच द रेन अंतर्गत प्रगतिरत कार्यों को पूर्ण कराए जाने की समय सीमा 10 मई निर्धारित की गई।
भ्रमण दौरान जिला से परियोजना अधिकारी एसबीएम प्रभारी सुचिता खोड़े, आवास प्रभारी गोविंद मण्डलोंई,जनपद पंचायत सीईओ श्री रोहित पचोरी, सहायक राजेश ठाकुर, संजय चौबे, एपीओ मालसिंग कवचे, उपयंत्री शैलेंद्र सोहनी, मो. सूफी, सेंगर, ग्राम पंचायत से सरपंच, सचिव उपस्थित रहे। *मनरेगा 15 वे वित्त से होगा होल्करकालीन बावड़ी का श्रृंगार* निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत सीईओ श्रीमती शर्मा काटकूट क्षेत्र के ओखला भी पहुँची। यहां होल्करकालीन बावड़ी का अवलोकन करते हुए उन्होंने जीर्णाेद्धार के करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने ने कहा कि बावड़ियाँ जल संरक्षण के लिए प्राचीन कार्य है। इन्हें हमें संवारना होगा। इसलिए मनरेगा व 15 वे वित्त से इस अनोखी बावड़ी का भी संरक्षण किया जाए।

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