सुनील जैन
इंदौर शहर में भाजपा हिंदू धर्म के नाम राजनीति करती चली आ रही है ।
इतना ही नहीं भगवान श्री राम के नाम पर जन्म भूमि के नाम पर थोकबंद वोट कबाड़ती आ रही है । वहीं बीते पंद्रह वर्षों से सरकार द्वारा किए गए कार्यों को इवेंट के रूप में जनता की गाढ़ी कमाई के लाखों करोड़ों खर्च कर परोसती चली आ रही है । अगले वर्ष चुनाव है , और सत्तारूढ़ भाजपा को हिंदू धर्म याद आने लगा है भगवान राम याद आने लगे हैं ।
चौबीस नवंबर से कांग्रेस विधायक अपने माता और पिताजी ( वरिष्ठ भाजपा नेता श्री विष्णु प्रसाद जी शुक्ला ) की स्मृति में विशुद्ध रूप से शिवमहापुराण की कथा का आयोजन करवाने जा रहे हैं । इसकी तैयारी विधायक शुक्ला ने नगर निगम चुनाव के तुरंत बाद से ही प्रारंभ कर दी थी ।
यहां यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि संजय शुक्ला द्वारा स्वयं के खर्च से शहर में कई उल्लेखनीय कथाओं के आयोजन हो चुके हैं और अपने विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों को अयोध्या की यात्राएं कराई गई है ।
तेईस नवंबर सुबह सुबह जब मैं झांसी रानी प्रतिमा स्थल से कथा स्थल की ओर जा रहा था तो देखता हूं नगर निगम का अमला बड़े बेतरतीब तरीके से पंडित प्रदीप मिश्रा जी के चित्रों वाले पोस्टर निकाल उखाड़ कर गाड़ी में फेंक रहे थे ।
मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि दो तीन माह पूर्व इन्ही मार्गों पर चुनरी यात्रा के नाम पर सड़कों को पाट दिया गया था । यहां तक की मार्ग संकेतक ( जेंट्री ) पर भी भाजपा नेताओं ने चढ़ाई कर दी थी ।
आश्चर्य होता है ऐसे दोहरे मापदंडों पर …
इससे यह साबित होता है कि भाजपा अपने आप को हिंदूधर्म का ठेकेदार मानती है …
आज लव जेहाद जैसे मामले चरम पर है लेकिन इन्हे धर्म के नाम पर सिर्फ और सिर्फ रोटियां सेंकने से फुरसत नहीं है ।
पार्टी पॉलिटिक्स अपनी जगह लेकिन धार्मिक भावना अपनी विशिष्ट जगह होना चाहिए ।
एक बात और भाजपानीत निगम परिषद , विशेष तौर पर महापौर भार्गव की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है …
इन स्वार्थी राजनेताओं के सिखावे बहकावे में शायद ब्राह्मण होते हुए भार्गव , ब्राह्मणत्व भूल गए …
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