बहुचर्चित करोड़ो रुपए डिपो मामले में अधिकारियों की मिली भगत का मामला पहुँचा कोर्ट
अर्पित बोड़ाना
तराना नगर परिषद क्षेत्र में करोड़ो की लागत का बहुचर्चित पुराने बस डिपो परिसर मामले में नया मोड़ आया है प्राप्त जानकारी अनुसार डिपो परिसर 35 वर्ष पुराना है यह डिपो तत्कालीन सरकार के द्वारा लोक सम्पति पर प्रबधक विभाग (मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम) द्वारा तराना नगर के एक व्यक्ति विशेष से जमीन को खरीदा गया था उक्त जमीन को लगभग 35 वर्ष पहले अधिकारियो द्वारा अपने कब्जे में लेकर पक्का बाउंडरी वाल का निर्माण किया गया था उक्त डिपो में मध्यप्रदेश परिवहन की बसे संचालित होती थी इसके बाद कुछ वर्ष पहले मध्यप्रदेश परिवहन निगम घाटे में जाने के बावजूद मौजूदा सरकार द्वारा मध्यप्रदेश सड़क परिवहन को बंद किया गया था इसके बाद से यह डिपो खंडर अवस्था में पड़ा हुआ था दो वर्ष पहले कालोंनीनाइजर मेसर्स डेवलपर्स कंपनी की निगाह उक्त भूमि पर पड़ी जिसकी बाउंड्रीवाल सीमा बनी हुई थी और इस जमीन को लेने हेतु दाव पेज लगा दिए विधिविधान से इसका टेंडर निकाला गया और समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी की गई इस जमीन की कीमत 18 करोड़ के लगभग की नीलामी में बोली लगाकर इस जमीन को अपने कब्जे में ले लिया तराना प्रशासनिक अधिकारीयो के द्वारा कई बार पंचनामा बनाकर कंपनी के सपुर्द किया उक्त बात तराना तहसीलदार द्वारा बनाए गए पंचनामे में दर्शाई गई है जिसमे कंपनी की और से शुभम (गोलू) बाहेती उपस्थित हुए आवेदक एवं पंचों की उपस्थिति में बस डिपो की भूमि सर्वे क्रमांक 70811,70911 रकबा 18580 उक्त भूमि पर पक्की बाउंड्रीवाल निर्मित है उक्त भूमि की बाउंड्री वाल की सीमा का दल द्वारा टी,एस,एम से चारों दिशाओं की बाउंड्री वाल के निर्धारित पॉइंट लिए गए मौके पर परिवहन विभाग की सीमा पूर्व से कायम थी पँचनामे में यह भी उल्लेख किया गया है कि आवेदक एवं पंचों के समक्ष सीमांकन की कार्रवाई के उपरांत मौजूदा पटवारी द्वारा मौका पंचनामा किया गया पढ़कर सुनाया गया और सही पाया गया बाद में सभी के द्वारा हस्ताक्षर किए गए इस बात का सबूत स्वयं तहसीलदार के द्वारा बनाए गए पंचनामे में दर्शाया गया है
कालोंनीनाइजर को प्रशासन दे रहा आर्थिक लाभ
पंचनामें में चारों तरफ दीवारें बनाई गई उसके बावजूद अधिकारियों एवं कालोंनीनाइजर पड़ोसी कृषक की और जंगलिया पजामा पहनाने की कोशिश की जा रही थी लेकिन अभिभाषक संघ के मैदान में उतरने के बावजूद मामले ने तूल पकड़ लिया खैर अब देखना होगा कि इस मामले में आम नागरिक की जीत होती है या शासन प्रशासन की उक्त मामला अब कोर्ट स्टे के बावजूद माननीय न्यायालय के अधीन बताया गया
इनका कहना-
उक्त मामला अभी न्यायालय के अधीन गया है और इसमें स्टे लग गया है
तहसीलदार डीके वर्मा
इनका कहना-
40 वर्ष पुरानी बाउंड्रीवाल है बाउंड्रीवाल से बाहर जमीन निकली है करोड़ो की जमीन है कालोंनीनाइजर को आर्थिक लाभ पहुचाया जा रहा है विधिवत इसकी विज्ञप्ति जारी होना चाहिए इस विषय मे बार एशोसिएशन कलेक्टर साहब से चर्चा कर ज्ञापन सौंपेंगे और न्यायालय की शरण लेंगे
महेंद्र बड़ाल बार एशोसिएशन अध्यक्ष तराना

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