प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय भीकनगांव द्वारा आयोजित तनाव मुक्त शिविर के द्वितीय दिन ब्रम्हाकुमारी राजयोगिनी शुभांगी दीदी ने कहा कि तनाव मन का दर्द होता है , नकारात्मक चिंतन हमें पेशेंट बना देता है अधिकतर बीमारियों का कारण तनाव ही है और यह तनाव उत्पन्न होता है हमारे विचारों से l अधिकतर देखा गया है कि कैंसर जैसी बीमारी भी इस तनाव और डिप्रेशन के कारण ही होती है इसलिए तनाव को खत्म करना है l दीदी ने आगे बताया कि तनाव को खत्म करने के लिए हमें पहले स्वयं को जानना होगा l हमारे विचारों की चेकिंग कर परमात्मा से जुड़ कर उनकी सकारात्मक ऊर्जा को लेकर तन और मन को स्वस्थ किया जा सकता है अंत में दीदी ने सबको योग कमेंट्री द्वारा आत्म अनुभूति कराई l इसलिए कहा गया है जैसा सोचेंगे वैसा बन जाओगे ।
साथ ही शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भीकनगांव में दीदी ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों को अपने जीवन में नैतिक मूल्यों को धारण कर मूल्य निष्ट शिक्षा भी अपनानी है आज भौतिक साधनों जैसे मोबाइल टेलीविजन आदि ने बच्चों के मानसिक तनाव को बढ़ाया है इन साधनों को छोड़ कुछ समय आध्यात्मिक के द्वारा अपने समय को सफल करें एवं अपने जीवन को सकारात्मक रखें ताकि जीवन की आने वाली परिस्थिति मे अपने मन को मजबूत बना सके ।

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