‘सोल्स जर्नी’ अपने बच्चे को खो देने वाली एक मां की पीड़ा और आघात को प्रस्तुत करती है

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पुरुष मात्र संख्या भर नहीं हैं, बल्कि सम्मानित सजीव व्यक्ति हैं। धन बटोरने के चक्कर में लोगों का एक वर्ग इस तथ्य को भूल जाता है और अपहरण एवं मानव तस्करी जैसे जघन्य अपराधों में लिप्त हो जाता है। गोवा में 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अंतर्राष्ट्रीय पैनोरमा के तहत दिखाई जा रही मैक्सिकन फिल्म ‘सोल्स जर्नी’ मेक्सिको में मानव तस्करी की इस बेहद संवेदनशील कहानी को प्रस्तुत करती है।

आज ‘इफ्फी-टेबल टॉक्स’ सत्र को संबोधित करते हुए, इस फिल्म की निर्देशक क्लाउडिया सेंट-लूस ने कहा कि यह फिल्म मानव तस्करी की व्यापक समस्या और इसके गंभीर सामाजिक प्रभावों पर प्रकाश डालती है। उन्होंने कहा, “मेक्सिको में, लोगों का एक वर्ग वास्तव में इंसान को महत्व नहीं देता है। बात यहां तक ​​पहुंच गई है कि पालतू जानवरों की कीमत इंसानों से कहीं ज्यादा हो गई है। अधिकांश लोग वास्तव में अपने लापता पालतू जानवरों के बारे में चिंतित हैं, जोकि उनके बारे में पोस्टरों की बढ़ती संख्या से स्पष्ट होता है। लेकिन वास्तव में किसी को भी हजारों लापता लोगों, विशेष रूप से बच्चों, की कोई परवाह नहीं है।”

क्लाउडिया ने कहा कि यह फिल्म उस मनोवैज्ञानिक आघात और पीड़ा को दर्शाती है, जिसका सामना एक मां उस समय करती है जब उसके सात साल के बच्चे ‘क्रिश्चियन’ का अपहरण कर लिया जाता है। उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा, “यह फिल्म समाज की मानसिकता और न्यायिक प्रणाली की कमियों को भी उजागर करती है।”

मीडिया के साथ बातचीत करते हुए, निर्देशक ने कहा कि यह फिल्म अपने बच्चे को खो देने वाली एक मां की असहनीय क्षति व संघर्ष की मानवीय और व्यक्तिगत दृष्टि प्रस्तुत करती है।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, निर्माता क्रिश्चियन क्रेगेल ने कहा कि टीम ने बाल तस्करी की संवेदनशील समस्या को प्रदर्शित करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, “हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है ताकि यह फिल्म स्थितियों में कुछ बदलाव ला सके और इसका मानव सभ्यता पर गहरा प्रभाव पड़ सके।”

पूरी बातचीत यहां देखें:

फिल्म के बारे में: सोल्स जर्नी

(मेक्सिको | 2021 | स्पैनिश | 78 मिनट | रंगीन)

निर्देशक और पटकथा लेखक: क्लाउडिया सेंट-लूस

निर्माता: क्रिश्चियन क्रेगेल

छायांकन निर्देशक: कार्लोस कोरिया

संपादन: जूलियन फेलिप, सरमिएंटो लोपेज

कलाकार: अनाजोस एल्ड्रेट एचेवारिया, अरमांडो हर्नांडेज

क्लाउडिया सेंट-लूस (1982, वेराक्रूज़) एक मैक्सिकन लेखक, निर्देशक और अभिनेत्री हैं। उन्होंने ग्वाडलजारा विश्वविद्यालय से दृश्य कला में स्नातक किया। उनकी पहली फिल्म ‘द अमेजिंग कैटफिश (2013)’ का लोकार्नो में प्रीमियर हुआ था, जहां इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए यंग ज्यूरी पुरस्कार मिला था। वर्ष 2022 में बर्लिनले में क्लाउडिया की फिल्म ‘द रियल्म ऑफ गॉड’ का वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था।

सारांश

सात साल के क्रिश्चियन का उसके घर से अपहरण कर लिया जाता है। उसकी मां सोल न्याय प्रणाली द्वारा उसके मामले में बरती जा रही उदासीनता और सुस्ती को महसूस करने के बाद अपने दम पर बच्चे की खोज शुरू करती है।

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