एड. प्रमोद कुमार द्विवेदी
इंदौर सफाई में लगातार पहले नंबर पर आ रहा.अब उसकी आड़ में किस तरह कारनामे भी अंजाम दिये जाते रहे । इसकी बानगी मय सबूत .पूरे शहर में गीला.सूखा कचरा कचरा वाहनों से एकत्रित होता है.इसके अलावा पूरे शहर भर में डस्टबिन आकषर्क रुप में चौराहे. गलियों में लगाऐं हुवे है.लोहे के मजबूत स्टैंड पर नामचीन कंपनी के प्लास्टिक के डस्टबिन लगाऐं गये….जब गत एक साल से इनमें से प्लास्टिक के डब्बे मतलब डस्टबिन गायब होने लगे तो सवाल उठाऐ गये कि शरारती तत्वों की कारस्तानी होगी…पर लगातार जब विगत दस दिनों से लोहे के स्टैंड दिन में ही निकाला जाने लगा तो शंका घर कर चली कि अफसरों का खेल चल रहा।
यह सबूत है कि इनको हटाकर नया लगाने का काम किया जायेगा. जानकारी मिली है कि परिषद व आयुक्त मिलकर खेल कर रहे.लोहे के स्टैंड अब यह कहकर हटाये जा रहे कि साईज में अंतर है.अतः बदलकर स्टील के मजबूत लगाऐं जायेंगे।
मतलब साफ है कि लाखों की लागत से अब शहरभर में गली .चौराहे. मोहल्ले. दफ्तरों में स्टील के स्टैण्ड पर डस्टबिन लगाऐं जायेंगे. लोहे के स्टैंड अटाला बाजार में बेचे जायेंगे. प्लास्टिक के डस्टबिन भी नये लगाऐं जायेंगे. करोड़ों का व्यय तय.फिजूलखर्ची तय…मप्र कांग्रेस कमेटी के सचिव व एडवोकेट पी.के.व्दिवेदी ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अश्विनी शुक्ला बुधवार को जब दलालबाग से सांय 4.20पर अपने वाहन में दो तीन भाजपाइयों साथ नरसिंह वाटिका तरफ गये उस समय वे स्वयं यह सब देख अंजान बने हुए थे…..यह सबूत है कि करोड़ों के अपव्यय का खेल उनकी जानकारी में है ।
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