जैन समाज सावधान
दीपक शाह। भारत सरकार के पर्यावरण, वन , और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से 2 अगस्त 2019 को भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी की गयी। जिसे भारत का राजपत्र 5 अगस्त 2019 में प्रकाशित किया गया था।
सबसे रोचक जानकारी यह है की 2 अगस्त 2019 को झारखंड में भाजपा की ही सरकार थी जिसने श्री सम्मेद शिखरजी तीर्थ क्षेत्र को पर्यटकों के लिए खोलने की अनुशंसा की थी। इसी तारीख पर केन्द्र में भी भाजपा की सरकार थी और आज भी है।
उक्त नोटिफिकेशन जारी होने के समय भी भाजपा की सरकार झारखंड में थी
यहां यही बात इसलिए भी ध्यान देने की है की उक्त नोटिफिकेशन की जानकारी जैन समाज को तीन साल बाद हुई। जिससे लोगों में यह संदेश देने का प्रयास किया गया की कांग्रेस समर्थित पार्टी ने उक्त नोटिफिकेशन के लिए केन्द्र सरकार को अनुमोदित किया है।
जबकि उक्त नोटिफिकेशन की वर्तमान सरकार को जानकारी भी जैन समाज ने ही दी। जिसे वर्तमान के मुख्यमंत्री सोरेन ने तुरंत ही स्वीकार भी कर लिया।
अब गेंद वापस केन्द्र सरकार में बैठी भाजपा की सरकार की झोली में है। जिसके पर्यावरण मंत्री ने उक्त नोटिफिकेशन केन्द्र सरकार की ओर से जारी करने से मना करने की बात की।
जबकि उक्त नोटिफिकेशन केन्द्र सरकार ने ही जारी किया है। आज जब की जैन समाज सड़कों पर उतर चुकी है ,
वर्तमान की केन्द्र सरकार की भाजपा सरकार ने उक्त नोटिफिकेशन की जिम्मेदारी वर्तमान में झारखंड सरकार पर डालने का असफल प्रयास किया है।
अभी भी झारखंड सरकार ने ही उक्त नोटिफिकेशन को रद्द करने की बात की है। भाजपा की केन्द्र सरकार की ओर से उक्त नोटिफिकेशन को रद्द करने का कोई बयान या घोषणा नहीं की गयी है। जबकि अभी संसद सत्र चल रहा है। संसद में जैन समाज की भावनाओं को भी व्यक्त किया गया है। इसके बावजूद अभी तक केन्द्र सरकार की ओर से उक्त नोटिफिकेशन को रद्द करने की कोई घोषणा नहीं की गयी है।
जब तक केन्द्र सरकार उक्त नोटिफिकेशन को रद्द नहीं करती है और नया नोटिफिकेशन जारी नहीं करती है तब तक जैन समाज को जागृत रहना होगा।
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