खेत के कुएं में तेंदुए का शावक गिरा, वन विभाग व थेँक्यु नेचर की टीम ने रेस्क्यू कर निगरानी में रखा
खरगोन से संजय यादव बाबा
खरगोन जिले की कसरावद तहसील में स्थित एक खेत के कुँए में 6 से 8 माह का तेंदुवे का शावक गिर गया जिसे वह विभाग की टीम द्वारा रेस्क्यू कर कुँए से सुरक्षित बाहर निकाला वंही शावक का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया बताया गया कि शावक पूरी तरह से स्वस्थ है। वह विभाग ने शावक को फिलहाल अपनी निगरानी में रखा हुआ है।
ऐसे किया शावक का कुँए से रेस्क्यू
दरअसल शुभह सिंचाई के लिए किसान दयानंद पाटीदार अपने खेत पर गए जंहा वे पानी की स्थिति को देखने के लिए कुँए के करीब गए तो उन्हें कुँए में से कुछ आवाज सुनाई दी उन्हें लगा हो सकता है नेवला या बिल्ली या कोई और जानवर गिर गया हो लेकिन जानवरो के प्रति प्रेम भावना रखने वाले दया ने जो भी जानवर हो उसे बाहर सुरक्षित निकालने की ठानी व अपने परिजनों व ग्रामीणों को इसकी सूचना दी जिस पर काफी लोग खेत मे पँहुच गए और ग्रामीणों की मदद से दयानंद पाटीदार ने दया दिखाते हुए कुँए से गल निकालने वाली टायर की टोंकरी को रस्सी से बांध कर कुँए में छोड़ा टोंकरी को देख डरा, सहमा, घबराया शावक टोंकरी में आ कर बैठ गया। इस पर ग्रामीणों ने टोंकरी को थोड़ा ऊपर की और खींचा तो देखा कि टोंकरी में तो तेंदुए का बच्चा है यह देख किसान व ग्रामीण डर गए और तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी।सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम थेँक्यु नेचर के सदस्यों के साथ मौके पर पँहुचे जंहा उन्हीने कुँए में जाल डाल कर पांच घण्टे की बड़ी मशक्कत के बाद शावक को सुरक्षित भाहर निकाला और पिंजरे में छोड़ दिया नन्ही सी जान होने के बावजूद शावक आक्रोशित नजर आ रहा था।
कन्हा छोड़ा जाएगा शावक को अभी तय नही
बताया जा रहा है कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के बाद ही वन विभाग तेंदुए के शावक को उसकी माँ की तलाश कर इसी क्षेत्र के जंगलों में या फिर इंदौर के राला मण्डल में छोड़ेगा।
वन विभाग ने दी जानकारी
वन विभाग के खरगोन जिले के डीएफओ प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि शावक की मां की तलाश की जा रही है, जैसे ही मादा कंही दिखाई देगी तभी शावक को उसके पास छोड़ा जाएगा। फिलहाल शावक सुरक्षित है। उनका कहना यह भी है कि नर्मदा घाटी के बेल्ट में तेंदुए की तादात अच्छी है। हमे लगता है कि किसी कारण वश यह शावक खेतों की तरफ आ गया होगा। हो सकता है अंधेरे की वजह से रात में कुँए में गिर गया होगा। खेर उसे बचा लिया गया है स्वास्थ्य भी ठिख है वह पूरी तरह से सुरक्षित है जल्द ही उसे जंगल मे पुनः उसकी मां के पास छोड़ दिया जाएगा।
नर व मादा तेंदुए के होने की आशंका
बता दे कि नर्मदा में पर्याप्त पानी व आसपास घने जंगलों के होने से नर्मदा किनारे स्थित गांवो में कुछ वर्षों से तेंदुओं की आमद देखी जा रही है। इससे पहले भी इस क्षेत्र से तेंदुए पकड़े जा चुके है। अब तेंदुए के शावक का कुँए में गिरा हुआ मिलना यह साफ दर्शाता है कि क्षेत्र में नर,मादा तेंदुए देर रात यंहा विचरण करते होंगे। तेंदुए के शावक के मिलने के बाद अब यंहा के किसानों में डर का माहौल बन गया है और वे रात के समय खेतो में जाने से डर रहे है।
क्षेत्र में तेंदुए का शावक मिलने से किसानों में डर का माहौल
जिस तरह से कल फिर क्षेत्र में तेंदुए के शावक का कुँए में गिरा मिलना यह साबित करता है कि हो न हो नर्मदा क्षेत्र में तेंदुए है लेकिन कितनी संख्या में यह बताना मुमकिन नही है हो सकता हो दो या दो से अधिक हो कसरावद क्षेत्र के किसानों को अब यह डर सता रहा है कि फिलहाल खेतो में चने व गेंहू लगे हुए है इनकी सिंचाई के लिए अब देर रात खेतो में कैसे जाए। अब अकेले के जाने की बस की बात नही होगी कुछ किसानों ने यह भी कहा कि साहब कुछ नही इंसान जानवर से और जानवर इंसान से डरता ही है अगर रहा तो हम पटाखों की आवाज से या थाली ड्रम बजा कर अन्य जंगली जानवरों को दूर भगाने का प्रयास करेंगे ताकि आवाज से वे करीब न आ सके इसका यही एक मात्र उपाय है ओर कुंछ नही हो सकता है। हाँ लेकिन जंहा एक व्यक्ति सिंचाई के लिए खेतो में जाता है ऐसे में अब हमें करीब 2 से 3 किसानों को साथ मे जाना होगा क्यो की कभी भी जानवर हमला कर सकता है अगर अकेले है तो।
वन विभाग की सहयोगी थेँक्यु नेचर की टीम के सदस्य नवीन कुमार का कहना है कि शावक की उम्र लगभग 6 से 8 माह हो सकती है। क्षेत्र में जब तेंदुए का बच्चा मिला है तो सोहभाविक है कि यंहा मादा तेंदुआ व उसका परिवार भी होगा।
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