✒ दोहरी नीति से बाज आना चाहिए सरकार को..

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एक तरफ इंडस्ट्री लगाने का न्यौता,  दूसरी तरफ सांवेर रोड उजाड़ने पर तुले

प्रदीप जैन

सांवेर रोड के इंडस्ट्रीज मालिकों रिश्तेदार भी आ रहे हैं विदेश से
इंदौर। यह कैसी विडंबना है की एक तरफ तो सरकार प्रवासी भारतीयों को इंदौर घूमने और यहां निवेश करने की संभावनाएं तलाशने के लिए न्योता दे रही है। इसके बाद इन्वेस्टर समिट भी होना है। वहीं दूसरी ओर सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया के उद्योग को उजाड़ने की योजना ला रही है। मात्र 2 किलोमीटर पाइप लाइन डालने के लिए तमाम उद्योग में तोड़फोड़ की जानी है।
अभी तक पिछले वर्षों में सरकार के कार्यों का आंकलन किया जाए , तो लगेगा कि खाने के दांत अलग और दिखाने के दांत अलग
सरकार से बस इवेंट करवा लो वास्तविकता तो यह है कि प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहलाए जाने वाले इंदौर में विद्युत आपूर्ति तक सुगम नहीं है । सड़कों और ड्रेनेज लाइन की बात करें तो दिखाने के लिए मुख्य मार्ग दुरुस्त कर दिए गए हैं बाकी सब खुदे हुए , बेतरतीब और अस्त व्यस्त पड़े हुए हैं ।

साँवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया के उद्योगपतियों को नोटिस मिला है कि क्षेत्र से गुजरने वाली एसटीपी प्लांट की पाइप लाइन के लिए उद्योग के हिस्से अतिक्रमण मानकर हटाए जाएंगे।
शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के नाम पर न मालूम कितने योजनाएं बनी और बिगड़ी है। एक योजना के अंतर्गत सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया से गुजरने वाले नाले के साथ-साथ एसटीपी के लिए पाइप लाइन डाली जानी है। पाइप लाइन डालने के लिए तमाम इंडस्ट्रीज के नाले के समीप वाले हिस्से को तोड़ना होगा इसमें उद्योगपतियों को करोड़ों का नुकसान होना है। बताया जाता है कि यह योजना 14 करोड़ की है उद्योगपतियों का कहना है कि हम सबको इस से 10 गुना अधिक नुकसान हो रहा है।
ट्रेंचलेस पद्धति का सुझाव
उद्योगपतियों ने सुझाव दिया है कि पाइप लाइन डालने के लिए इंडस्ट्री को तोड़ने हटाने की जरूरत नहीं है। पूरे शहर में पानी और ड्रेनेज लाइन डालने के लिए ट्रेंचलेस पद्धति का उपयोग किया जाता है इस पद्धति का उपयोग यहां भी किया जा सकता है। नगर निगम उद्योग हित न चाहते हुए तोड़फोड़ पर आमादा है।
उद्योगपतियों के रिश्तेदार आ रहे बाहर से
आगामी प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए उद्योगपतियों के रिश्तेदार भी इंदौर आ रहे हैं। कई उद्योगपतियों ने अपने घरों में मेहमानों को ठहराने का मन बनाया हुआ है। नगर निगम की यह कार्यवाही उद्योगपतियों के मानस और उनके आने वाले रिश्तेदारों के मन पर शहर और सरकार के प्रति क्या भाव पैदा करेगी।

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