✒ नगर परिषद पेटलावद में 70 लाख रूपये से अधिक राशि की गडबडी सामने आई अस्थाई कर्मचारी प्रभारी लेखापाल को पद से हटाया सीएमओ ने आयुक्त को पत्र लिख कर लेखा शाखा की जांच की मांग की।

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पूर्व परिषद के भ्रष्टाचार हो रहे उजागर

पेटलावद (राकेश डूंगरवाल)
नवागत सीएमओ श्रीमति आशा भंडारी ने आते ही पुरानी परिषद की चोरी पकडी। 70 लाख रूपये खाते से गायब आखिर कहां गये
नगर परिषद के खाते से 70लाख 82 हजार 737 रूपये गायब हो गये। तत्कालीन सीएमओ,अध्यक्ष व अस्थाई लेखापाल इसके लिए दोषी है। आखिर यह राशि कहा चली गई। इसका जवाब अस्थाई लेखापाल शिवम भटेवरा तत्कालीन अध्यक्ष मनोहर भटेवरा का पोता नहीं दे पा रहा है।
इस राशि के गबन में तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्ष,सीएमओ और लेखापाल जवाबदार है। जिस पर कार्रवाई करते हुए नवागत सीएमओ आशा भंडारी ने तुरंत लेखाशाखा का कार्य भार शिवम भटेवरा से ले लिया। और उनके स्थान पर दयाराम पाटीदार,सहायक राजस्व निरीक्षक को लेखापाल का प्रभार दिया गया।
कैसे पकडी चोरी।
नवागत सीएमओ आशा भंडारी ने जब चार्ज लिया तो उन्होंने केश बुक व बैंक के सभी खातों की राशि का मिलान करवाया तो उनमें उन्हें अंतर दिखाई दिया उन्होंने इस संबंध में प्रभारी लेखापाल से पूछा तो वह जवाब नहीं दे पाया तो उन्होंने उसे लेखापाल पद से हटाया और आयुक्त को पत्र लिख कर जांच की मांग की।
तत्कालीन अध्यक्ष ने अपने पोते को बनाया लेखापाल और किया गबन।
उल्लेखनीय है कि पेटलावद नगर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष मनोहर भटेवरा के उपर मिडिया ने हमेशा भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए किंतु आज तक न तो किसी जनप्रतिनिधि के कान पर जूं रेंगी न ही किसी अधिकारी ने इस ओर ध्यान दिया। आखिर नगर परिषद अध्यक्ष ने अपने पोते को कैसे नगर परिषद कर्मचारी के रूप में नौकरी पर रख लिया। इस सम्बध में नगर के गणमान्य नागरिकों ने तत्कालीन कलेक्टर सोमेश मिश्रा के सामने शिकायत भी की थी किंतु कोई असर नहीं हुआ।
आखिर कहां गई इतनी बडी राशि। 70 लाख रूपये की राशि का गबन हुआ है। केश बुक में शेष राशि 2 करोड 38 लाख 79 हजार 592 रूपये बताई जा रही है। जबकी नगर परिषद के सभी प्रकार के 7 खातों में मिलाकर कुल राशि 1करोड 67लाख 96 हजार 855 रूपये ही आ रही है। सीएमओ भंडारी ने इस संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त को पत्र लिख कर लेखा शाखा की जांच कराई जाने की मांग की है।
पत्र में उन्होंने स्पष्ट दर्शाया है कि किस किस खाते में कितनी कितनी राशि है। और केश बुक में कितनी राशि शेष दिखाई जा रही है।केश बुक व बैंक खाते में 70 लाख से अधिक का अंतर आ रहा है।
पत्र में उन्होंने बताया कि केश बुक परीक्षण में पाया गया कि लेखापाल के रूप में केशबुक पर अस्थाई कर्मचारी शिवम भटेवरा के हस्ताक्षर पाए गए व अस्थाई कर्मचारी के द्वारा ही लेखा शाखा का सम्पूर्ण कार्य किया जा रहा है। अस्थाई कर्मचारी को इतनी बडी जवाबदारी किसी प्रकार दी गई। 26जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा रामलाल मुनिया राजस्व उप निरीक्षक को अतिरिक्त लेखा प्रभार से मुक्त करते हुए शिवम भटेवरा को प्रभारी लेखापाल का दायित्व सौंपा गया।
भ्रष्टाचार से युक्त रही पूर्व परिषद।
पूर्व परिषद भ्रष्टाचार में पूर्ण रूप से डूब चुकी थी। किंतु भाजपा ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और तत्कालीन अध्यक्ष ने जम कर भष्ट्राचार किया। जिसके सबूत अब सामने आ रहे है। 70 लाख का केशबुक व बैंक खाते में ही अंतर आना बहुत बडी चुक है। इसके अलावा पूर्व परिषद ने किस प्रकार भ्रष्टाचार किया होगा यह इस बात से साबित होता है। नगर परिषद के पार्षद भी इस में जवाबदार है उन्होंने आज तक कभी आवाज बुलंद कर जनता के सामने भ्रष्टाचार के मामले नहीं लाए।
आमजन की मांग है कि अब शासन प्रशासन को निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारी व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए ताकी आमजन के सामने प्रशासन की छवि एक बार पुनः साफ सुधरी बन सके।

यह बडी गडबड है। इतनी बडी राशि का अंतर आना किसी साजिश की ओर इशारा करता है। इसकी जांच आयुक्त स्तर से करने के लिए हमने पत्र लिखा है और प्रभारी लेखापाल को उसके पद से हटा दिया है। श्रीमति आशा भंडारी,सीएमओ,नगर परिषद पेटलावद।

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