प्रवासियों, कोरोना भी ला रहे हैं क्या ?”
पधार रहे हो तो नेताओं पर, और नही पधारो तो इंदौरियों पर होगा बहुत बड़ा एहसान…..
सुनील जैन
“शहर तैयार है, आपकी मेजबानी के लिए बस आप तो कोरोना को साथ लेकर आ जाएं, कोई चेकिंग वेकिंग जांच वांच नहीं होगी आपकी……
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और उमड़ने वाले हुजूम से तो आप इतने भयभीत हो गए थे कि रातों रात देश में कोरोना प्रकट कर दिया था …
नेताओं का क्या ….उनको कोरोना या कोरोना प्रोटोकॉल से…..कुछ लेना देना नहीं वो सब हम जनता के लिए, …पहले भी हमने भुगता अब भी हम भुगतेंगे ….. जनता ने बहुत बड़ी क़ीमत चुकाई है इन नेताओं के कारण,….. घुट घुट कर देखते रहे इनकी रैली तमाशे, ….
सोचिए, विचारिए खुद भी जागिए और अपनी “गैरत” को भी जगाइये। नेताओं के इन कारनामों के सामने… निरीह, बेबस, लाचार जनता को इस घुटन की आग से आप ही बचा सकते हैं …
नेताओं का क्या आज आपको यहां बुला रहे कल कहीं और ..किसी और को बुला लेंगे …. “चाहे आप न रहो चाहें ये जनता ना रहे”..उनको कुछ फर्क नहीं पड़ेगा……
प्रदेश में मुखिया ने तो कोविड के फिर से दस्तक देने की बात को साफ साफ स्वीकार करते “कोविड एप्रोविवेट बिहेवियर” पालन का कहा है, …..अब आप ही सोचिए… कोविड एप्रोविवेट बिहेवियर “सावधानी और सम्मेलन” कहां का तालमेल …..
अगर आप आए तो इन नेताओं पर शायद कोई एहसान हो या न हों …. परन्तु अगर नहीं आए तो इस शहर इस प्रदेश और इस इस देश के वासियों पर आपका बहुत बड़ा एहसान होंगा।…..
ये मजमेबाज़ सम्मेलन के नाम पर जमकर छक कर मलाई खाते दिखाई पड़ रहे हैं । बनी हुई सड़कें फिर से बनाई जा रही है ।
ठीक उसी तरह जिस तरह बुजुर्ग महिला कम उम्र की दिखने के लिए चेहरे पर जमकर मेक अप करा लेती है ।
इन बाहर के लोगों को खूब सारा प्रलोभन देकर बुलाया जा रहा है ।
इतने वर्षों से सत्ता में है शिवराज चुनाव के ठीक पहले ही यह मजमेबाजी याद आई …
और जो बाहर से आ रहे अपने कहलाए जाने वाले भारतीयों को इससे पहले प्रदेश और शहर की सुध लेने की याद नहीं आई ???

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