✒ श्री सम्मेद शिखर तीर्थ को पर्यटक स्थल घोषित करने का सर्वत्र विरोध जारी …

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जैन समाज द्वारा पुरे मध्यप्रदेश मे मोन रैली निकालकर ज्ञापन दिया

श्री सम्मेद शिखर तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में जैन समाज शांतिप्रिय तरीके से प्रदर्शन कर रहा है । लोकप्रिय समाचार पत्र लोकतंत्र उद्घोष के पास लगातार विरोध प्रदर्शन की खबरें प्राप्त हो रही है …

महिदपुर ( अरुण बुरड़)

जैन समाज के पवित्र तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटक स्थल घोषित करने के विरोध में समग्र जैन समाज द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम ज्ञापन तहसीलदार जितेंद्र चौरसिया को दिया गया। समग्र जैन समाज के संस्था श्री आदर्श महावीर नवयुवक मंडल महिदपुर द्वारा गुरुवार को स्थानीय जैन धर्मशाला तिलक पथ से एक मौन रैली निकाली गई । विरोध मोन रैली नगर के मुख्य मार्ग से होकर तहसील कार्यालय पहुंची। जहां विरोध सभा आयोजित हुई। विरोध सभा में जैन समाज के प्रमुख जन अंकुर भटेवरा , मुकेश बाठिया , आशीष सकलेचा, विशाल पाटनी , सीमा बहन चोपड़ा , शिरोमणि बहन मेहता आदि ने अपने उद्बोधन में पवित्र तीर्थ को पर्यटक स्थल घोषित किए जाने का विरोध किया तथा शासन से इसे अविलंब समाप्त करने की मांग भी की गई। ज्ञापन का वाचन अरुण बुरड़ ने किया। कार्यक्रम का संचालन जिनेंद्र खेमसरा ने किया। आभार श्री आदर्श महावीर नवयुवक मंडल के अध्यक्ष विशाल पाटनी ने माना। ज्ञापन जैन समाज के सभी अध्यक्ष सरदारमल चोपड़ा , अंकुर भटेवरा , राजकुमार सकलेचा, मुकेश बाठिया ,अशोक सोगानी, ललित पगारिया ,अजय चोपड़ा, जवाहर डोसी, ललित गार्डी,अशोक चोपड़ा, सचिन बागरेचा, परितोष सकलेचा, सिद्धार्थ बुरड़ , समकित कोचर, श्रेयांश नवलखा , रिचिन गादीया, आदि की उपस्थिति में समग्र जैन समाज द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम तहसीलदार जितेंद्र चौरसिया क़ो दिया

बामोरकला (अतुल जैन)
शिवपुरी जिले के पिछोर विधानसभा में आने वाले कस्बे और जिले की सीमा से सटी जिले के सबसे बडी पंचायत बामौरकलां में जैन समाज ने सरकार के द्वारा पर्वतराज को पर्यटक स्थल घोषित करने के विरोध दर्ज कराया। जैन समाज ने एक स्वर में कहा कि सम्मेद शिखर सिद्ध क्षेत्र हम सबके लिए शाश्वत और पावन क्षेत्र है। क्षेत्र को सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित कर धार्मिक स्थल से खिलवाड़ किया जा रहा है, जबकि इस सिद्ध क्षेत्र को पर्यटन स्थल की जगह पवित्र स्थल घोषित करना चाहिए। सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम का जैन समाज विरोध करता है और मांग करता है कि सिद्ध क्षेत्र सम्मेद शिखर के साथ सरकार खिलवाड़ ना करें।

इसलिए सरकार कान खोल कर सुन ले, हम अपनी बात ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और देश के गृहमंत्री तक पहुंचा रहे हैं, ताकि सरकार हमारी बातों को मान ले। जैन समाज अहिंसक है, किंतु कायर नहीं, इस बात को भी सरकार बेहतर ढंग से समझ ले। यह बात जैन समाज के सम्मेद शिखर बचाओ अभियान के तहत पिछोर विधानसभा के बामौरकलां पंचायत में निकाली गई जागरूकता रैली के बाद सौंपे गए ज्ञापन में प्रदर्शन के दौरान जैन समाज द्वारा कही गई।

सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल नहीं पवित्र क्षेत्र घोषित करे केंद्र सरकार
पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन, धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाएँ।

पारसनाथ पर्वतराज, को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभयारण्य का एक भाग और तीर्थ माना जाता है लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र 2795 दिनांक 02 अगस्त 2019 को अविलंब रद्द किया जाए।
पारसनाथ पर्वतराजश् और मधुवन को मास.मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाए।
पर्वत राज की वंदना मार्ग को अतिक्रमण वाहन संचालन व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरणएसामान जांच के लिए ब्त्च्थ् व स्कैनरएब्ब्ज्ट कैमरे सहित दो चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाये जाए।
पर्वतराज से पेड़ों का अवैध कटान पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित हो। जैन समाज के सेकड़ो लोग सड़को पर उतरे,सम्मेद शिखर तीर्थ की रक्षा के लिए राष्ट्रपति के नाम का एसडीएम को ज्ञापन सौंपा

आष्टा/किरण रांका सम्मेद शिखर जी तीर्थ को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरोध में रविवार को सकल जैन समाज ने रैली निकालकर विरोध जताया। रविवार को शहर के पुरानी सब्जी मंडी समाज जन एकत्रित हुए और उसके बाद रैली के रूप में नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे जहां पर एसडीएम आनंद सिंह राजावत को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में 5 सूत्रीय मांगे बताई।तहसील कार्यालय पहुचकर उपस्थित स्थानीय प्रशाशन के मुख्य अधिकारी को देश के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री ,व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के नाम अपनी मांग पत्र ज्ञापन सोपा,
सकल जैन समाज के अंतर्गत सकल दिगम्बर जैन समाज एवं सकल स्वेताम्बर जैन समाज के समस्त नागरिकगण , माताएं ,बहने, बच्चो के साथ समस्त नागरिक शामिल रहे मोन रैली में अपनी उपस्थिति देकर तीर्थ रक्षा के संकल्प सूत्र में अपनी सहभागिता देकर मोन रैली को सफल बनाया रैली में हजारों लोग शामिल हुए और तख्तियां लेकर भी बच्चे अनुशासन में चल रहे थे। ज्ञापन का वाचन दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष यतेंद्र जैन एवं श्वेतांबर जैन समाज के अध्यक्ष पवन जैन ने किया।
बता दें कि जन जन की आस्था के प्रतिक बीस तीर्थंकरो की निर्वाण भूमि शास्वत तीर्थराज श्री सम्मेद शिखर जी जैन तीर्थ को केंद्र शासन द्वारा पर्यटन स्थल घोषित किये जाने के विरोध में सकल जैन समाज आष्टा देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री झारखंड के नाम का ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में उल्लेख किया है कि
20 जैन तीर्थंकर एवं अनंत संत मुनियों की तप स्थली शाष्वत तीर्थ सम्मेद शिखर पर्वत राज गिरिडीह झारखंड की स्वतंत्रता ,पहचान,पवित्रता, ओर संरक्षण हेतु विश्व जैन संगठन (पंजी) के आव्हान पर देशव्यापी श्री सम्मेद शिखर जी बचाओ आंदोलन के तहत पाँच सूत्रीय मांगों को लेकर सकल जैन ने ज्ञापन सौंपा। समाज को
शास्वत तीर्थ सम्मेद शिखर जी की रक्षा को लेकर सकल सनातन समाज पंचायत आष्टा एवं व्यापार महासंघ आष्टा का भी समर्थन प्राप्त हुआ।

रैली में एवं ज्ञापन सौंपने वालों में यह भी रहे शामिल

दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष यतेंद्र जैन ,श्वेतांबर जैन समाज के अध्यक्ष पवन जैन ,पूर्व नप अध्यक्ष कैलाश परमार, डॉ मीना सिंगी,पूर्व विधायक अजीत सिंह, ,विधायक प्रतिनिधि राय सिंह मेवाडा, हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष कालू भट्ट ,व्यापार महासंघ के अध्यक्ष रुपेश राठौर, डॉ हेमंत वर्मा, विशाल चौरसिया, कैलाश जैन चित्रलोक ,धनरूपमल जैन ,मनोज जैन सुपर ,विनीत सिंगी,पंकज नाकोड़ा, मुकेश बडजात्या, शरद जैन ,प्रमोद जैन, संतोष जैन, नगीन सिंगी सहित बड़ी संख्या में सकल दिगंबर श्वेतांबर सहित अन्य समाज जन, जनप्रतिनिधि एवं नागरिकगण शामिल रहे।

सूचना :- यह खबर संवाददाता   के द्वारा अपडेट की गई है। इस खबर की सम्पूर्ण जिम्मेदारी संवाददाता जी की होगी। www.loktantraudghosh.com लोकतंत्र उद्घोष या संपादक मंडल की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

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