स्टॉप डेम बनाने वाले ठेकेदार संजय मालवीय पर गुणवत्ता विहीन डैम बनाने का आरोप
खरगोन-भगवानपुरा:-संजय बाबा यादव
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग की देखरेख में ग्राम पंचायत भग्यापुर के समीप पिपल्या बावड़ी नाले को रोककर बनाया गया 35 लाख रुपए लागत का हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर पचंबा ,स्टॉप डेम बनने से पहले ही बूढ़ा हो गया है यहां के रहवासी भीमसिंह ,राजाराम बिल्लोरे, रामा, तुकाराम ,बलिराम ,कैलाश, गोरेलाल, ग्रामीणों ने संबंधित स्टॉप डेम बनाने वाले ठेकेदार संजय मालवीय पर गुणवत्ता विहीन डैम बनाने का आरोप लगाया है इनका कहना है सन 2019 से बन रहे स्टॉप डेम मे दोनों ओर से सीमेंट की दीवारें खड़ी कर बीच में पत्थर डाले गए हैं निर्माण कार्य शुरू होने को आज 3 साल पूरे होने में है फिर भी काम अधूरा पड़ा हुआ है डैम के गेट भी नहीं लगे हैं ग्रामीणों ने जन सहयोग से स्टॉप डेम में गेटों को लगाया है वहीं कुछ गेट टूटी फूटी हालत में अभी भी अधूरे पड़े हैं डैम का पूर्ण कार्य होने से पहले ही वह छतीग्रस्त हो चला है और जगह-जगह से उखड़ रहा है डेम में गेट न लग पाने के कारण इस वर्ष भी पानी संग्रहण नहीं हो पाया। जिससे यहां के किसान अपनी गेहूं की फसल लेने के लिए सिंचाई को लेकर चिंतित है इस डेम पर चौकीदारी कर रहे भीमसिंह पिता राजन बिल्लोरे ने बताया मैं 3 वर्षों से डैम पर चौकीदारी का काम कर रहा हूं ठेकेदार मालवीय ने हमसे काम करवा कर हमारे मजदूरी के पैसे आज तक नहीं दिए हैं पैसे मांगने पर धमकाने लगते हैं भग्यापुर के समीप सुदूर अंचल होने के कारण यहां सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं होने से ग्रामीण यान्त्रिकी विभाग के अंतर्गत 35 लाख रुपए की लागत से डैम बनाया गया। ताकि आसपास के किसानों को पानी संग्रहण होने के बाद सिंचाई का लाभ मिल सके परंतु बांध के हालात और यहां के रहवासियों की शिकायतों को माने तो यह लगता है कि बांध बनने से पहले ही भ्रष्टाचारी की भेंट चढ गया है जो चीख चीख कर अपनी भ्रष्टाचारी की दास्तां बयां कर रहा है डैम में पानी संग्रहण के लिए ना तो गेट लगाए हुए हैं न हीं इसका कार्य अभी पूर्ण हुआ है ऐसे में संबंधित ग्रामीण यांत्रिकी विभाग ने संबंधित ठेकेदार को राशि का आवंटन कैसे कर दिया यह तो वही जाने परंतु जिन किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए स्टाप डेम बनाया गया था।
उसमें आज एक लोटा पानी भी नहीं एकत्रित है तो फिर लाभ की क्या उम्मीद की जा सकती है डेम तक पहुंचने के लिए जिस किसान के खेत का वैकल्पिक पहुंच मार्ग बनाकर उपयोग किया गया था उसे भी आज तक मुआवजा नहीं मिला है डैम पर मजदूरी करने वाले भीम सिंह के परिवार ने बताया हमारी मजदूरी भी 18-20 हजार रुपए तक बकाया है जो अभी तक नहीं मिल पाई है मजदूरों द्वारा अपनी मजदूरी मांगने की कोशिश की जाती है तो ठेकेदार अपनी रसूखदारी दिखाकर इन्हें टाल देता है
क्या कहते हैं अधिकारी
पीपल्याबावड़ी के समीप नाले पर बना हाड्रोलिक स्ट्रक्चर पचंबा डैम की लागत ₹35 लाख रुपये है कुछ राशि देना अभी बाकी है मुझे मजदूरों को मजदूरी देने जैसी शिकायत अभी किसी ने नहीं की है मजदूरों को उनकी पूरी मजदूरी दिलवाएंगे, काम की गुणवत्ता में अगर चूक हुई है व काम अधूरा है तो मैं जल्द ही डेम पूर्ण करवाने की कोशिश करूंगा ।
शिरलाल गोत्रे ,सब इंजीनियर
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग भगवानपुरा

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