मुंबई:-अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के विदर्भ की कलावती बंदुरकर का जिक्र किया. अमित शाह ने दावा किया कि राहुल गांधी ने जिन कलावती के घर भोजन किया था, उसकी मदद राहुल ने नहीं पीएम मोदी ने की. शाह के इस बयान के बाद यवतमाल की विधवा किसान कलावती चर्चा में आ गईं. अब कलावती ने अमित शाह के दावों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बताया कि उन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद ही मदद मिली थी. बीजेपी से इसका कोई लेना देना नहीं है.
गृह मंत्री अमित शाह ने क्या कहा था?
अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, “इस सदन में एक सदस्य ऐसे हैं जिन्हें 13 बार राजनीति में लॉन्च किया गया है, और वह सभी 13 बार असफल रहे हैं. मैंने एक लॉन्चिंग देखी है, जब वह कलावती नाम की एक गरीब महिला से मिलने उसके घर गए थे. लेकिन आपने या कांग्रेस सरकार ने उस गरीब महिला के लिए क्या किया? घर, राशन, बिजली, गैस, शौचालय उन्हें मोदी सरकार में मिला.”
अमित शाह ने कहा था, “एक बार राहुल बुंदेलखंड की रहने वाली गरीब महिला कलावती के घर भोजन करने गए. इसके बाद सदन में गरीबी का वर्णन किया. इसके बाद उनकी सरकार आई, लेकिन मैं पूछता हूं कि उनकी सरकार ने उस गरीब महिला कलावती के लिए क्या किया?” उन्होंने कहा कि “आप जिस कलावती के घर भोजन के लिए गए, उनको भी मोदी जी पर भरोसा है. वो मोदी जी के साथ खड़ी हैं.”
हालांकि, गौर करने वाले बात ये है कि अमित शाह ने कलावती को बुंदेलखंड का बताया, जबकि राहुल ने जिन कलावती के घर पर भोजन किया था, वह यवतमाल, महाराष्ट्र की हैं.
कलावती ने क्या कहा?
गृह मंत्री अमित शाह के लोकसभा में उस पर किए गए दावे के बाद एक प्रसिद्ध चैनल के पत्रकार महाराष्ट्र के यवतमाल में रह रहीं कलावती के घर पहुंचे. उन्होंने कलावती से अमित शाह के दावे को लेकर सवाल किया तो वो बोलीं कि “उन्हें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात के बाद ही मदद मिली थी. कांग्रेस की उस मदद से इनका कोई लेना देना नहीं है.”
कलावती के बेटे प्रीतम बंदुरकर ने इस मामले में आगे बताया, “उस समय हमारी हालत बहुत खराब थी, हम सात बहनें और दो भाई थे, पापा गुजर गए थे. हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, हम लोग काम करने खेत में जाते थे. जैसे-तैसे बस गुजरा चल रहा था. लेकिन, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हमारे यहां आने के बाद हमारी स्थिति बदल गई. तब वो किसानों से मिलने हमारे इलाके में आए थे और अचानक हमारे घर भी आ गए. यहां आने के बाद उन्होंने हमारी पैसे से मदद की. उन्होंने हमें 30 लाख की एफडी दी. फिर घर मंजूर हुआ, पानी और लाइट दी. उन्हें उस समय जो कुछ भी मिला था, केवल और केवल राहुल गांधी की वजह से ही मिला था.”
विदित हो कि कलावती यवतमाल के जालका गांव की रहने वाली हैं. कर्ज से परेशान कलावती के पति परशुराम ने आत्महत्या कर ली थी. राहुल गांधी ने साल 2008 में कलावती से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद कलावती चर्चा में आ गई थीं. कलावती ने पिछले साल बीबीसी को दिए इंटरव्यू में बताया था कि राहुल ने उन्हें तीन लाख का चेक दिया था. इसके बाद उनके खाते में 30 लाख रुपये डाले गए थे. कलावती ने बताया कि राहुल से मिलने के बाद किस तरह से उनका जीवन बदल गया. वे पहले झोपड़ी में रहती थीं. लेकिन अब उनके पास पक्का घर है.
साल 2008 में संसद में राहुल ने किया था कलावती का जिक्र
विदित हो कि साल 2008 में संसद में न्यूक्लियर डिबेट के दौरान जब राहुल गांधी ने कलावती बंदुरकर की कहानी सुनाई तो वह घर-घर में मशहूर हो गईं. वह महाराष्ट्र में किसानों के संकट का चेहरा बन गईं. राहुल गांधी के कलावती के घर पहुंचने के बाद, विदर्भ क्षेत्र के एक गरीब किसान की इस विधवा को सुलभ इंटरनेशनल से ₹30 लाख मिले. यह राशि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की मरागांव ब्रांच में उनके नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट में रखी गई थी, और कलावती बंदुरकर को अपने 4 बच्चों की शिक्षा तथा अन्य खर्चों को पूरा करने और उन्हें आरामदायक जीवन जीने में मदद करने के लिए ₹25,000 का मासिक ब्याज मिलना शुरू हुआ हैं.