अवधेश पुरोहित । भोपाल।। इन दिनों जो खबरें दिल्ली से आ रही हैं उसके अनुसार प्रदेश की सत्ता की कमान भले ही शिवराज सिंह चोहान के हाथों में हो लेकिन सत्ता की डोर तो इन दिनों प्रधानमंत्री ने अपने हाथों ले रखी है जिसके चलते विगत दिनों अमित शाह, भूपेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित तमाम केंद्रीय मंत्रियों को मप्र में सक्रिय कर रखा है और इनके हाथों में पूरे विधानसभा चुनावों की कमान है, मदारी की तरह जमूरे की तरह जो दुकान शिवराज हमेशा लगाते आये हैं उस तरह की दुकान लगाने के लिये इन दिनों शिवराज को फ्री छोड़ रखा है,
तभी वे इन दिनों चुनाव में उन लाड़ली बहनों से मत बंटोरने के लिये जी जान से लाड़ली बहना योजना का प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं हालांकि इसी तरह का प्रचार उन्होंने २०१८ के चुनाव में सहारिया महिलाओं को वोट बटोरने के लिये उनके खाते में भी एक हजार रुपये भेजे थे।
इसका परिणाम यह हुआ कि उनके खाते मे रुपये आते ही उनके शराबी पति उनसे रुपये छुड़ा लेते थे? यही स्थिति प्रदेश के लाड़ली बहना योजना की भी है, इसकी शिकायत टीकमगढ़ जिले में लाड़ली बहनों ने एसपी को ज्ञापन देकर अपने शराबी पतियों द्वारा बहनों पर अत्याचार की गुहार लगाई थी, इस प्रकार की गुहार लाड़ली बहनाओं की स्थिति क्या होगी, लेकिन फिलाहल तीन हजार रुपये देने का लॉलीपॉप देकर लाड़ली बहनों को बेवकूफ बनाने का काम शिवराज जमकर इन दिनों करने में लगे हुए हैं, इसके परिणाम आगामी विधानसभा चुनाव के नतीजे ही बताएंगे, मगर यह खबर सही है कि प्रधानमंत्री ने मप्र में भाजपा की सत्ता पर पुन: काबिज होने के लिये सत्ता के सारे सूत्र अमित शाह और अपने साथी केंद्रीय मंत्रियों को सौंप रखी है।
लेकिन इस सबके बावजूद भी शिवराज सिंह और प्रशसनिक मुखिया इकबाल सिंह बैंस ने अपने-अपने मकान बनाने की होड़ लगी हुई है, अभी हाल ही में प्रमुख सचिव ने लोनिवि में जो खेल दिखाया और गोरेलाल बघेल को ईएनसी की कुर्सी से नवाजा गया, इसके पीछे जो लोनिवि से जो खबरें आ रही हैं उनके अनुसार सीएम ने अपनी धर्मपत्नी को किरार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते ७४ बंगले को ७३ करने का काम करके जो नौ नंबर का बंगला तुड़वाकर आठ में मिलाने का काम किया है उसके गिराने में १५ लाख लग गये अब यह बनेगा वह कितने का, शहर में चर्चाओं के अनुसार वैसे तो प्रदेश में और भी समाजों के अध्यक्ष होंगे उनको भी इसी तरह से सरकारी बंगले को तोड़कर बनाने का काम सीएम ने नहीं किया है, किरार समाज के बारे में एक कहावत किरार समाज में बड़ी चर्चित है कि, किरार कहे भगवान से दे दे मुझको दो बैल, पहले जोतूं मरघटा, बाद में जोतूं बैल, इन समाज के लोगों पर भरोसा करें तो सीएम ने सत्ता संभालते ही उनकी धर्मपत्नी ने अपनी पहचान छुपाकर जेपी सीमेंट से डम्पर खरीदी का जो कारनामा किया था वह भी किरार समाज की रणनीति के तहत ही था।
उससे यह संदेश गया था कि अब सत्ता संभाली है, तो हमारा भला पहले होना चाहिए अब जब विधानसभा चुनाव मतदान नवम्बर में आने वाले विधानसभा के चुनाव परिणाम क्या होंगे यह तो जनता और मोदी जी के हाथ में है, मगर जाते जाते किरार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते ७४ बंगले को ७३ कर किरार समाज के बारे में कही जाने वाली कहावत को चरितार्थ करके उन्होंने उक्त बंगले को मिटाने का काम भी शिवराज ने कर दिया है, ऐसा ही खेल प्रशासनिक मुखिया इकबाल सिंह बैंस ने जिन्होंने अभी तक लोनिवि के नरेंद्र कुमार के द्वारा जो मकान बनवाया है उसमें लोनिवि के द्वारा और भव्य बनाने के लिये लोनिवि के गोरेलाल बघेल को ईएनसी का पद सौंपा गया बघेल के मुखिया बनने के साथ ही लोनिवि के अधिकारियों व जनता में जो चर्चायें हो रही हैं उसके अनुसार सीएम व प्रमुख सचिव ने अपना कार्य करने में पीछे नहीं हट रहे हैं, इन दोनों के इस तरह के बंगला बनाने को लेकर तरह-तरह की चर्चायें लोग करते नजर आ रहे हैं, वह बड़ी अजीब गरीब है।