08.10.23 को फरियादी दिलीप दुबे निवासी कसरावद ने थाना कसरावद पर सूचना दी की मेरा बेटे दिवांशु दुबे रोज की तरह कसरावद मंडलेश्वर रोड पर आज शाम भी घूमने के लिए निकला था, जिसके बाद रात के करीब 11 बजे पर मेरे पास मेरे बेटे दिवांशु दुबे के मोबाईल से फोन आया और उक्त फोन से किसी अज्ञात व्यक्ति ने बोला कि तूम अगर तुम्हारे लडके दिवांशु को छुडाना चाहते हो तो 20 लाख रुपये की व्यवस्था कर दो हम तुम्हें सुबह फोन करेंगे और उन्होने फोन काट दिया । उक्त फोन आने पर थाना प्रभारी कसरावद द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को घटना के बारे मे सूचित कर बताया गया सूचना प्राप्त होते ही पुलिस अधीक्षक खरगोन श्री धर्मवीर सिंह व अति. पुलिस अधीक्षक (शहर) तरूणेन्द्रसिंह बघेल, अति.पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) मनोहरसिंह बारीया व अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मनोहरसिहं गवली के निर्देशन मे पुलिस टीम का गठन कर अपहर्त दिवांशु की तलाश हेतु लगाया गया। पुलिस अधीक्षक खरगोन धर्मवीर सिंह द्वारा रात्री मे ही थाना कसरावद पहुँच कर घटनास्थल का निरीक्षण कर पुलिस टीम को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए । पुलिस टीम द्वारा कसरावद कस्बे के सीसीटीव्ही फुटेज खंगाले गए जिसमे दिवांशु दुबे रोज घूमने जाने वाले कसरावद मंडलेश्वर रोड की बारीकी से जांच की गई व जिले के सभी संभावित रास्तों पर नाकाबंदी की गई ।
दिनांक 09.10.23 को करीब 08:00 बजे पुनः फरियादी दिलीप दुबे के पास बेटे दिवांशु दुबे के मोबाईल से अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन से बताया की पुलिस को बताना मत तथा रुपयों की व्यवस्था जल्दी करो तुमको शाम को फोन लगाऊंगा कि 20 लाख रुपये लेकर कहा आना है और फिर फोन काट दिया । पुलिस टीम द्वारा दिन भर दिवांशु दुबे के मिलने वाले संभावित स्थानों पर दबिश दी गई परंतु कोई सफलता प्राप्त नहीं हुई । दिनांक 09.10.23 को रात करीब 09-09:30 को फरियादी दिलीप दुबे के पास अज्ञात मोबाईल नंबर से फोन आया की जिसमे दिवांशु ने बताया की मेरा अपहरण करने वालों ने मुझे बड़वानी-सजवानी रोड पर छोड़ दिया गया है । सूचना पर तत्काल कार्यवाही करते हुए पुलिस टीम खरगोन द्वारा बड़वानी मे संपर्क कर दिवांशु को थाना बड़वानी पर सुरक्षित पहुंचाया गया ।
अपहर्त दिवांशु द्वारा अपने साथ हुई अपहरण की घटना का विवरण
कसरावद पुलिस टीम द्वारा बड़वानी थाने से कसरावद लाया गया, थाने लाकर दिवांशु से घटना पूछने पर उसके द्वारा बताया गया की रोजाना की तरह खाना खाकर टहलने के लिये निकला था मै अपने घर से अस्पताल रोड पर होते हुये विजय स्तंभ, मण्डलेश्वर रोड , एचडीएफसी बैंक के आगे तक गया उसके बाद मेन रोड से भवानी माता चौक तरफ मुडते हुये अंदर गली में करीब 25-30 मीटर तक आगे गयो तो एक लडका मोटरसायकल पर बैठा था उसके पास काला बैग था । उसने पास बुलाने के लिये आवाज दी कि भैया फिर वह कहने लगा कि भैया मेरे पास नया आईफोन मोबाईल है हाफ रेट में तुम खरीद लो । मैने उसे मना किया बातों-बातों मे उसने बैग में से रुमाल निकाला और मेरे मुंह पर रख दिया और मुझे बेहोश कर दिया जब होश आया तो देखा कि मै एक गाडी में था सबसे आखिरी वाली सीट पर मेरे दोनो हाथ व दोनो पैर को गमछे से बांध रखा था तथा आंखो पर रुमाल से बांध रखा था । मैने बोलने की कोशिश की तो गाडी में चार लोग थे जिन्होने मुझे मेरे मुंह में फोम डाल दिया था।
कुछ समय बाद उन्होने मुझसे मोबाईल का पिन मांगा मैने एक बार में नही बताया तो मुझे थप्पड मार दिया उसके बाद मैने बता दिया था । फिर करीब 5 मिनट बाद गाडी रोकी और उसमें से 02 लोग आगे से उतरे वो लोग हिन्दी भाषा में बात कर रहै थे । वो लोग गाडी में घुमाते रहै । दो लोगो ने चेहरे पर मास्क पहने रखा था । गाडी में शराब की स्मैल भी आ रही थी । वो लोग मुझे डराने के हिसाब से मारपीट भी कर रहै थे । उन्होने मुझे कुछ सूंघा कर फिर बेहोश कर दिया फिर अगले दिन आज सुबह जल्दी कार में आकर बैठे और कार रवाना की और आपस में बात कर रहै थे कि इसके बाप ने पुलिस को बता दिया होगा और इसका बाप पैसे देने वाला नही है । इसको मार के फेक देते है । तभी किसी एक ने बोला कि चक्कर में फस जायेंगे और इसको इधर उधर ले जाकर छोड देते है ।
अंदाजन 12-01 बजे फिर दोपहर में मुझे फिर मेरे चेहरे पर रुमाल डालकर बेहोश किया था । फिर मुझे वो लोग घुमाते रहै और बडवानी में पेरामाउंट स्कुल के पास गाडी का पीछे का गेट खींचकर खोलकर मेरे को गेट से बाहर कर गिराकर धक्का देकर नीचे गिरा दिया जिससे मेरे कपडे गंदे हो गये थे । और गाडी को वापस पलटाकर बडवानी तरफ न आते हुये उसी दिशा में वापस ले गये जिधर से लेकर आये थे । जहां पर मुझे फेका था वहां पर भुट्टा सेकने की टपरी दुकान जैसी है । मै गाडी का कलर नही देख पाया और न ही नंबर देख पाया । गाडी एक्सयुवी , बोलेरो , स्कार्पियों जैसी थी उसके कांच पर भी कुछ नही लिखा था। गाडी में बैठे सभी चारो लडके 25 से 30 साल के थे कोई भी परिचित टाईप नही लग रहा था। सभी की हाईट लम्बी थी। कोई बातचीत नही कर रहै थै। चार लडको में दो लडके अपर पहने थे , दो ने जैकेट पहने हुये थे। सभी मुंह पर मास्क पहने थे। मोटरसायकल वाला जिसने कल रात में बैहोशी का रुमाल सुंघाया था वह लम्बा होकर उसके पास मोटरसायकल स्पलेण्डर, सीडी डिलक्स जैसी छोटी गाडी थी। मोटरसायकल वाला हल्का नीला कलर का शर्ट पहने था ।
दिवांशु दुबे की बात सुनकर पुलिस टीम द्वारा दिवांशु दुबे के बताए अनुसार घटना की तसदिग की गई पर जिसपर दिवांशु दुबे के द्वारा घटनाक्रम को बार-बार अलग अलग तरीके से बताया गया व दिवांशु दुबे के बताए अनुसार अपहरण की घटना उसके साथ होना प्रतीत नहीं हो रहा था । दिवांशु दुबे के द्वारा पुलिस टीम को गुमराह किया जा रहा था जिसपर पुलिस टीम के द्वारा दिवांशु दुबे के बारे मे जानकारी एकत्रित की गई व दिवांशु दुबे से बारीकी से पूछताछ करने पर इंदौर मे 2018 मे एक प्राइवेट बैंक मे काम करने वाले रजत पवार का नाम सामने आया जिसपर पुलिस टीम द्वारा संदिग्ध रजत पवार को इंदौर से पकड़ कर थाने लाया गया । पुलिस टीम द्वारा रजत से सघनता से पूछताछ करने पर घटना का खुलासा किया गया ।
पुलिस टीम द्वारा दिवांशु व अपने साथी रजत द्वारा रचित अपहरण की घटना का खुलासा
दिवांशु दुबे ने बताया की मैने मेरे पिताजी से आज से करीब 10 माह पहले 12 लाख रुपये लेकर शेयर मार्केट लगाये थे लेकिन कुछ समय बाद मुझे घाटा गया और मेरे 12 लाख रुपये शेयर मार्केट में डूब गये । जिस कारण मै काफी परेशान रहता था। मुझे उक्त 12 लाख रुपये मेरे पिताजी को वापस लोटाने थे मेरे पिताजी कभी भी मुझसे मांग सकते थे । । फिर मैने मेरे दोस्त रजत पंवार से सम्पर्क किया और उसको बताया कि मैने मेरे मित्र को 16 लाख रुपये दिए है, लेकिन वह लौटा नही रहा है , मेरे पिताजी ने उसमे से 12 लाख रुपये किसी से लेकर दिये है, मै फस गया हूं, तू मुझे निकाल नही तो मै सुसाईड वगैरह कर लूंगा ।
फिर मै करीब एक माह पहले रजत के पास इन्दौर गया और हम दोनो ने आपस में चर्चा की और रजत ने मुझे समझाईश दी। फिर हम दोनो ने प्लानिंग की कि मै मेरी झूठी किडनैपिंग की कहानी बनाउंगा और 20 लाख रुपये की मेरे पिताजी से मांग कर फिरौती के तोर पर लेंगे और उसमे से रजत को 50 हजार रुपये देने की बात हुयी थी । मैंने दिनांक 01.10.2023 के आसपास अपहरण करने के स्थान के बारे मे रजत को बता दिया था । प्लान के मुताबिक दिनांक 08.10.23 को उसकी मोटरसायकल हीरो कंपनी की स्पलेण्डर मोटरसायकल क्रमांक एमपी 09 वी पी 5043 लेकर हेलमेट हाथ में लिये खडा था मै उसके पास गया और फिर उसके पास से एक फूल बाह की ब्लैक टीशर्ट ली और पहले से पहन रखी टीशर्ट पर उसको पहन लिया और फिर मैने उसके पास का हेलमेट पहन लिया । फिर मेरे मोबाईल को स्वीच आफ कर मोटरसायकल से हम दोनों निकाल गए । रास्ते मे मैंने अपना मोबाईल चालू करके अपने पिताजी को रजत से धमकी दिलवाकर 20 लाख रुपये की मांग की और देर रात इन्दौर मांगलिया रजत के किराये के रुम पर पहुँचकर सो गए ।
फिर सुबह करीब 8 बजे के आसपास हम दोनो रजत की उक्त मोटरसायकल से मांगलिया से आगे देवास तरफ करीब 2-3 किमी आगे डकाच्या साईड गये और वहां पर जाकर मैने मोबाईल स्वीच आन कर मेरे पिताजी को फोन लगाया और फिर रजत ने बोला कि “आपने दिखा दी समझदारी किसी को बताने का मना किया था फिर भी पुलिस को बता दिया तो मेरे पिताजी ने बोला पुलिस को नही बताया है, तो रजत ने बोला कि तुम सही सलामत नही चाहते हो लडके को तो पापा ने बोला कि तूम ऐसी बात क्यो कर रहै हो मैने तो पैसे का बंदोबस्त कर लिया है पांच लाख तो हो गया है ढेड दो घंटे में बैंक खुलते से ही बाकी का हो जायेगा। फिर रजत ने पापा को बोला कि ठीक है तुमको शाम को फोन लगाता हूं, और फिर जगह बताउंगा। और फिर फोन काट कर मैने स्वीच आफ कर लिया था ।
इन्दौर मांगलिया रजत के किराये के रुम पर वापस आते समय हम दोनो ने आपस में रास्ते चलते हम दोनो ने चर्चा की और मैने रजत से बोला कि शायद पापा ने पुलिस को बता दिया होगा। तो रजत बोला कि मुझे नही लगता क्योकिं तुम्हारे पिताजी पैसे देने की बात कर रहै है और वह डरे हुये से भी लग रहै है । फिर रजत ने बोला कि अपन शाम को फोन लगाकर देखेंगे । फिर हम रजत के रुम पर चले गये थे । फिर करीब दोपहर 12-01 बजे के आस-पास मुझे ऐसा लग रहा है कि पुलिस को बता दिया होगा और मै जा रहा हूं और मै रूम से निकाल कर सीटी बस से सरवटे बस स्टैण्ड पहुंचा और बड़वानी की बस मे बैठ गया ।
बडवानी पहुंचकर मैं बस स्टैण्ड के पहले चौपाटी पर उतर गया । वहां से नर्मदा जी का रास्ता पूछा और बस स्टैण्ड के आगे तक गया और वापस आ गया फिर पैदल वापस बाहर की और आया जहां से अजाक थाना रोड पर पैदल चलता गया और रास्ते में नाले के साईड में झाडी में मैने अपना मोबाईल, चश्मा और शर्ट फैक दिये थे । उसके बाद मै पैरामाउण्ट स्कुल के आगे रोड पर भूट्टे की दुकान की बनी टपरी में पत्थर पर बैठ गया फिर मैने आते जाते लोगो को हाथ देना शुरु किया उसके बाद एक मोटरसायकल वाले भैया ने गाडी रोकी और उनके मोबाईल से पापा से बात करी । उक्त भैया ने मुझे अजाक थाना तक ले गया जहां पर थाने में गये और मैने थाने वालो को बोला कि मुझे किडनैप कर छोड गये तो अजाक थाना वालो ने बोला कि तुम कोतवाली थाना पर जाओ तो फिर मुझे लिफ्ट देने वाले भैया ने कोतवाली थाने का रास्ता बता दिया और वह चले गये इसके बाद में थोडी देर पैदल चलने के बाद लिफ्ट लेकर कोतवाली थाना बडवानी पर पहुंच गया । उसके बाद मेरे पिताजी और पुलिस मुझे लेने बडवानी थाना पर आई थी ।
आरोपीयो पर पुलिस थाना कसरावद पर अपराध क्र 459/23 धारा 364 ए, 384, 386, 120 बी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया है ।
आरोपियों के नाम
1. दिवांशु दुबे पिता दिलीप दुबे निवासी श्रीनगर कालोनी कसरावद
2. रजत पंवार पिता रामप्रसाद पंवार उम्र 32 वर्ष निवासी ग्राम गुरान थाना सांवेर हाल मुकाम एमआरडी प्लाजा मांगलिया इन्दौर
पुलिस टीम
उक्त कार्यवाही मे अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मंडलेश्वर श्री मनोहरसिहं गवली के निर्देशन मे निरी.मंशाराम रोमड़े थाना कसरावद थाना प्रभारी मण्डलेश्वर निरी. इन्द्रेश त्रिपाठी व पुलिस टीम थाना मंडलेश्वर, थाना प्रभारी महेश्वर निरी. पंकज तिवारी पुलिस टीम थाना महेश्वर उप.निरी.राजेन्द्र अवास्या , चौकी प्रभारी उनि. दीपक यादव, प्रआर.659 महेश मालवीय, प्रआर.820 संजय यादव, प्रआर.31 अनिल परिहार, आर.391विक्कु गाठे, आर.673 महेन्द्र ठाकुर, आर.364 जितेन्द्र बघेल, सचिन परिहार, अतुल पटेल, आर.578 नितिन पाल, आर.1068 बलराम मुकाती, आर.350अनुराग तोमर एवं सायबर सेल टीम से उनि. सुदर्शन कलोसिया, प्रआर. आशीष अजनारे, आर. अभिलाष डोंगरे, आर. मगनसिंह अलावा, आर. विजयेन्द्र वास्केल, आर. सोनू वर्मा, आर. सचिन चौधरी का विशेष योगदान रहा ।